Thursday, April 19, 2007

हीन्दी में ब्लोग्गिंग करने का पेह्ला अनुभव ...

सप्रेम नमसते! आज मुझे पता चला कि मैं ब्लोग्गिंग भी
हीन्दी में कर सकता हूँ, बीना ज़्यादा मेह्नत कीये, और यह जानकार मुझेबहुत ख़ुशी हुयी हैइसका कारण यह है कि, मैं शायद हिंदी में जल्दी टैपीन्ग कर लेता हूँ बजाय कि इंग्लिश मेंमुझे काफी अछ्छा महसूस हो रहा है.

2 comments:

रवि रतलामी said...

तो अरे भाई , लगातार , रोज हिन्दी में ब्लॉग लिखिए ना!

शुभकामनाएँ.

dangiankit said...

मैं यह तो नहीं कहूँगा की मैं कोशिश करूंगा, क्योंकी सच तो यह है की मैं खुद नहीं जानता की मैं हिंदी में आगे और कीतना लीखने में रुची रख पाऊँगा। इसके लीए मैं आपसे माफ़ी चाहूँगा।